কথা - ধৃতিমান সিং
चलो चलो मेरे भाई चलो मिलकर चलें
विश्वपिता प्रेमी दयाल आये है।
जिनके आने से सारा जग उजाला
होता है प्रेम मतवाला,
देते है पथ अमृत जीवन का
ऐसे ही स्वामी विशाल आये हैं।।
जो है त्राता प्रीति प्लावन
जीवन जगत उद्धारण,
लोकवर्धनी जिनका स्वरुप है
ऐसे प्रभु श्रीपाल आये है।।
जिनकी करुणा अगम अपार
शान्ति स्वस्ति आधार,
सभी प्राणों के स्पन्दन जो है
ऐसे प्रभु भुपाल आये है।।
सद्गुरु नामी है मन्त्रदाता
शोक सन्ताप के त्राता,
सार्थक जीवन ले आते है
ऐसे प्रभु कृपाल आये है।।
১লা সেপ্টেম্বর সৎসঙ্গ
चलो चलो मेरे भाई चलो मिलकर चलें
विश्वपिता प्रेमी दयाल आये है।
जिनके आने से सारा जग उजाला
होता है प्रेम मतवाला,
देते है पथ अमृत जीवन का
ऐसे ही स्वामी विशाल आये हैं।।
जो है त्राता प्रीति प्लावन
जीवन जगत उद्धारण,
लोकवर्धनी जिनका स्वरुप है
ऐसे प्रभु श्रीपाल आये है।।
जिनकी करुणा अगम अपार
शान्ति स्वस्ति आधार,
सभी प्राणों के स्पन्दन जो है
ऐसे प्रभु भुपाल आये है।।
सद्गुरु नामी है मन्त्रदाता
शोक सन्ताप के त्राता,
सार्थक जीवन ले आते है
ऐसे प्रभु कृपाल आये है।।
১লা সেপ্টেম্বর সৎসঙ্গ