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जीवन कारण तुम ही हो

কথা -ধৃতিমান সিং
সুর - ড. স্বপন মন্ডল

जीवन कारण तुम ही हो,
पालन पूरण तुम ही हो।

दया करो प्रभु दिन सहारा
जनम जनम रहूँ दास तुम्हारा
अभय चरण का ध्यान करे मन
निशदिन हरपल नाम तुम्हारा।।

माया जगत में करम का फेरा
आए सुख दुख चाहे अंधेरा
वहां करुँ प्रभु तेरी स्मृति को
पैन करुँ नित अमृतधारा।।

टुट गया अब बाधा-बन्धन
दूर हुए सब शंका वेदन
तेरे चलन से चलते है जब हम
उज्जवल करता जीवन हमारा।।

परमपिता मेरे जीवनस्वामी
जगतपिता हे परम नामी
तेरा चरण ही परम धाम है
 तुम से ही चेतन ये जग सारा।।




১লা সেপ্টেম্বর ২০১২