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दयाल गुरु मेरे

কথা -ধৃতিমান সিং
সুর - ধৃতিমান সিং


दयाल गुरु मेरे
तुम हो सुन्दर नियत सुखकर
करते हो उद्धार
तुम बिन मेरा नहीं सहरा
करोगे तुम ही पार।।

अब तो मुझ से सहा न जाये
शोक ताप प्रभु बहुत सताए
तुम देते हो आश्रय तब है
तुम करुणा अवतार।।

तुम से ही तो जीवन सारा
मंजील मेरी चरण तुम्हारा
तुम बिन मेरा कौन हरेगा
शंका ज्वाला भार।।

मेरे जीवन के तुम हो कारण
तुम से ही पाता सार्थक जीवन
पुरुषोत्तम प्रभु तुम हो प्रियतम
प्राण के आधार।।





১লা সেপ্টেম্বর ২০১২