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परमपुरुष: प्रभु विश्वविधाता

কথা - ঋচীনন্দন চক্রবর্তী
সুর - প্রণব বিশ্বাস 

परमपुरुष: प्रभु विश्वविधाता
जीवन समरे प्रभु महान दाता
आर्तान जनान त्वं शक्तिदाता
प्रियतम: जगतकारण: अपूरयिता।।

करुणासिन्धु: प्रभु मम परम विभु
पुरुषोत्तम: त्वं करुणामय प्रभु
अमृतनामस्तव जगतपरिभु
नक्षत्रमण्डले त्वं सदा स्वयम्भू।।

प्राणप्रिय: चेतनामय: युगपरित्राता
आनन्दमय: ज्योतिर्मयः परमविधाता
उज्ज्वलमयः शोभनमयः लोकत्राता:
शुभमय: कल्याणमयः प्राणदाता:।।



১লা সেপ্টেম্বর সৎসঙ্গ ২০১২