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धर्मविधि स्थापक जग अभिभावक

 কথা - ধৃতিমান সিং

धर्मविधि स्थापक जग अभिभावक
बिशासित जीवन करे,
प्रेमास्पद नारायण गुरु पुरुषोत्तम
ह्रदय में प्रेम भरे।
लोकपाली ईश्वर मूर्त प्रतीक
परमदयाल प्रभुनाथ।।

त्रिभुवन नायक जीवन विधायक
परमेश नररूप धरे,
स्निग्ध सुशोभित भुवन विभूषित
चितवन पुलकित करे।
दयाल चरण में...
श्रेयश्रद्धा मुखरप्राण कृतिबुद्ध इष्टटान
आदर्श की नन्दना करो,
प्रेष्ठसेवादीप्त जीवन उच्चलित धृतिदीपन
प्राणेश की वन्दना करो।।

भजनमूर्त पावक बेत्ता पुरुष चालक
शोक ताप वेदना हरे,
परमानन्द माधव दुःखकष्ट लाघव
प्रेमसुधा करुणा झड़े।
दयाल चरण में...
इष्टप्राण भावभक्ति निष्ठाराग अनुगति
वृत्तिभेदी चलन में चलो,
धृतिचर्य्यी पुरयमान धारणपालन अधिष्ठान
जीवन को अर्पण करो।।

असत के सायक शुभद विनायक
स्वस्ति विधान करे,
आपूरक उत्तम दयाल नरोत्तम
अस्ति वृद्धि रक्षा करे।
दयाल चरण में...
दयालगुरु चरण में प्रीतिप्लावन करण में
प्रेमभक्ति नियोजित करो,
शिष्टसुधी शब्दनाम सुमिरन
जीवन विवर्धित करो।।


১লা সেপ্টেম্বর সৎসঙ্গ